भूख न लगने का कारण क्या होता है ?
भूख बढ़ाने के लिए करें ये उपाय
भूख न लगने का सबसे आम और शुरुआती लक्षण है वजन कम होना। इससे कुछ मामलों में कुपोषण बढ़ सकता है। यदि दिनभर भूखे रहने के बाद आपका वजन कम होने लगे, तो जितनी जल्दी हो सके, डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। क्योंकि आपकी खराब भूख, अवसाद, एनोरेक्सिया नर्वोसा या बुलिमिया जैसी खाने की गड़बड़ी की बड़ी वजह हो सकती है।
भूख न लगने के संकेत
खाने के प्रति उत्साह की कमी
खुराक कम होना यानी पेट सामान्य से जल्दी भर जाना
खाते समय थकान महसूस होना, खाना आधा छोड़कर उठ जाना
मनपसंद चीजों को भी नहीं खाना
चबाने और निगलने में परेशानी
खाते समय उबकाई आना
आमतौर पर भूख न लगने की समस्या शरीर अपने आप ठीक कर लेता है। जो लोग घर या ऑफिस में लंबे समय तक बैठे रहते हैं या शारीरिक रूप से कम सक्रिय रहते हैं, उन्हें अमूमन भूख कम लगती है। ऐसे लोग जिस दिन थोड़ा पसीना बहा लेते हैं, उन्हें तेज भूख लगती है। यह शरीर का सिस्टम करता है, लेकिन लंबे समय से भूख नहीं लग रही है और शरीर का वजन कम हो रहा है तो डॉक्टर से जरूर सम्पर्क करें।
शरीर का हर संकेत बहुत अहम होता है। इसमें भूख न लगना भी शामिल है। यूं तो भूख न लगना एक बहुत सामान्य लक्षण है, लेकिन यह किडनी फेल होने से लेकर कैंसर तक के संकेत देता है। एम्स के डॉ. केएम नाधीर के अनुसार, भूख न लगने या कुछ भी खाने की इच्छा नहीं होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें कब्ज, पेट में वायरस, पाचन संबंधी रोग, गलत तरह का खानपान, गलत समय पर खाने-पीने की आदत शामिल हैं। लंबे समय तक भूख न लगने की स्थिति को डॉक्टरी भाषा में एनोरेक्सिया कहा जाता है। इसके मेडिकल या मनोवैज्ञानिक कारण भी हो सकते हैं।
भूख बढ़ाने के लिए करें ये उपाय
सबसे जरूरी है रोज व्यायाम और अनुशासित जीवनशैली। व्यायाम करने वालों को कभी भूख की कमी नहीं होती। खाना खाने का वक्त और मात्रा निर्धारित करें। ठीक से पालन करने पर शरीर इतना आदी तो जाता है कि वक्त होने पर खुद ही भूख के संकेत देने लगता है।
कहते हैं, खाना पहले आंखों से खाया जाता है। यानी डिश की सजावट उसे खाने के लिए प्रेरित करती है। इसलिए थाली को सजाकर पेश करें। तरह-तरह की चीजें शामिल कर उसको रंग-बिरंगी बनाएं।
- नरम चीजें खाएं। जैसे – खिचड़ी, हलवा, दही, आइसक्रीम, जिन्हें ज्यादा चबाना नहीं पड़ता या बिना चबाए खाया जा सकता है। जो लोग गले की समस्या के कारण नहीं कुछ नहीं खा पाते हैं, वे मिनरल वाटर या नींबू पानी की मदद लें।
- थाली छोटी रखें। कई लोग बड़ी थाली और ढेर सारे व्यंजन देखकर सहम जाते हैं।
- भूख बढ़ाने वाली चीजों का सेवन करें जैसे – सेब का ज्यूस, करौंदे का रस, मूली. हरा धनिया, अजवाइन और काला नमक, इलायची, इमली।
- दिमाग का हाइपोथैलेमस वाला हिस्सा ही भूख को नियंत्रित करता है। इस हिस्से को जागृत बनाए रखने के लिए प्राणायाम करें।
- यदि इतना करने के बाद भी भूख नहीं लगती है तो डॉक्टर को दिखाएं। बाजार में भूख बढ़ाने का दावा करने वाले कई टॉनिक उपलब्ध हैं, लेकिन डॉक्टर की सलाह पर ही इन्हें लें।
आपने कई लोगों को कहते सुना होगा कि उन्हें भूख नहीं लगती. सेहत देखने/पढ़ने वाले हमारे कई दोस्तों ने इसी तरह की बातें हमें ईमेल पर बताई हैं. किन्हीं का कहना है कि उनका वज़न लगातार घट रहा है. कोई कहता है कि उन्हें खाने का मन ही नहीं करता. कुछ का कहना है कि खाना देखते ही उन्हें उल्टी सी आने लग जाती है. वैसे गर्मी के मौसम में कई लोगों के साथ ऐसा होता है कि उन्हें भूख कम लगती है. लेकिन अगर इस दिक्कत की वजह से आप कुछ ही नहीं पा रहे हों तो ये आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है.
कई लोगों को एनोरेक्सिया होता है. ये लोग वज़न मेंटेन करने के चक्कर में खाना नहीं खाते. खाते भी हैं तो उल्टी कर देते हैं. ये एक मेंटल मेडिकल कंडीशन है. इसमें व्यक्ति को लगता है कि उसका वज़न बहुत बढ़ रहा है. इस मेंटल ब्लॉक के चलते वो खाना नहीं के बराबर खाता है.
लेकिन ये ज़रूरी नहीं हर वो इंसान जिसे भूख न लगती हो, या उसका खाना खाने का मन नहीं करता हो उसे एनोरेक्सिया नेर्वोसा हो. इसलिए एक्सपर्ट से सुन लीजिए ऐसा होने के पीछे क्या-क्या वजह हो सकती हैं और आपको डॉक्टर को दिखाने की ज़रूरत कब पड़ सकती है.
भूख ना लगने के शारीरिक लक्षणों में हमारी कई शारीरिक स्वास्थ्य स्थितियां ज़िम्मेदार हो सकती है। भूख ना लगने के इस तरह के कारणों में कई अल्प कालिक बीमारियाँ जैसे जुकाम, सर्दी, फ़्लू इत्यादि हो सकते है जिनसे पीड़ित होने पर आप भूख ना लगने के लक्षण महसूस कर सकते हैं।
जब आपको यह छोटी मोटी बीमारियाँ होती है तो यह भूख ना लगने का अस्थायी कारण बनतीं है और बीमारी के ठीक होने के बाद आपको भूख समान्य व्यक्ति की तरह लगने लगती है। (भूख ना लगने के कारण)
यदि आप महसूस करते है, कि आपको लंबे समय से भूख नहीं लग रहीं है तो, यह एक अंतर्निहित स्थिति का संकेत हो सकता है। उसमे से कुछ पुरानी स्थितियों के कुछ उदाहरण जिनके कारण भूख कम हो सकती है निम्न है :
- HIV
- लिवर की कोई गंभीर बीमारी
- hepatitis
- Kidney से संबंधित कोई गम्भीर बीमारी
- एक निष्क्रिय थायरॉयड, जिसे हाइपोथायरायडिज्म के रूप में जाना जाता है।
- बॉडी में ऐसे पोषक तत्वों की कमी जो भूख के लिए जिम्मेदार है।
- आंतों से जुड़ा कोई विकार, जैसे (IBS) चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम या सूजन आंत्र रोग आदि।
कुछ प्रकार के कैंसर जैसे – आंतों का कैंसर, Pancreatic Cancer, stomach cancer और ovarian cancer etc
- दिल की धड़कन रुकना (heart failures)
- काफी लंबे समय तक फेफड़ों में रुकावट जैसे निमोनिया इत्यादि
- अन्य अंतःस्रावी (endocrine) विकार, जैसे कि एडिसन रोग और कुशिंग सिंड्रोम
- कब्ज
इन सब के अतरिक्त हार्मोन के बदलाव के कारण खासकर pregnancy के दौरान भूख ना लगने के लक्षण महसूस किये जा सकते हैं जो कि अल्पकालिक स्थिति होती है। (भूख ना लगने के कारण)
भूख ना लगने के मानसिक (मनोवैज्ञानिक) कारण –
भूख ना लगने के पीछे हमारे मस्तिष्क और सोच से जुड़े मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक कारण भी हो सकते हैं। उदहारण के लिए यदि हमारे साथ कोई ऐसी घटना घटित हो जाती है जिससे हमारा हृदय आघात हुआ हो, ऐसे में भूख ना लगना स्वाभाविक है। जीवन में लगातार और बार बार ऐसी घटनाओं का होना भावनात्मक रूप से आपको कई तरह के शारीरिक और मानसिक नुकसान पहुंचाते है। (भूख ना लगने के कारण)
लंबे समय तक तनाव होने से भी भूख ना लगने जैसी समस्यायों का सामना करना पड़ सकता है। इन्हीं कारणों और विकारों में भूख ना लगना भी शामिल है। (1) (विश्वसनीय स्त्रोत) 2018 में हुए एक अध्ययन के अनुसार पता चला कि ज्यादा खाने से भी तनाव पैदा हो सकता है जो कम खाने से ज्यादा गंभीर होता है।
गौर कीजिए कई बार आपको जब खुशी महसूस होती है, तो आप बिना भूख के भी खाना खाने के लिए आतुर रहते है तो कहा जा सकता है कि भूख को प्रभावित करने के लिए शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों की कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।
हम आपको भूख ना लगने के कुछ मानसिक विकार बतायेंगे जिनसे भूख प्रभावित होती है :
- दुःख
- मानसिक अशांति
- चिंता अशांति
- डिप्रेशन
- खाने के विकार, जैसे एनोरेक्सिया और बुलिमिया
- पदार्थ उपयोग विकार (substance use disorders)
- substance use disorders में कई तरह की ऐसी स्थिति बनतीं है जिसमें आप कुछ ऐसा खाते है जिससे आपकी मानसिकता पर कुप्रभाव पड़ता है और उस कारण से भूख ना लगने जैसी समस्याएं उत्पन होने लगती है। उदहारण के लिए नशीले और मादक पदार्थ जैसे लंबे समय से सिगरेट, गांजे, smack, हिरोइन, कोकीन, शराब आदि के सेवन से यह विकार आसानी से हो जाता है। (भूख ना लगने के कारण)
दवाइयों के कारण भूख ना लगने के कारण –
कई प्रकार की दवाएं आपकी भूख को प्रभावित करने की क्षमता रखती है और यह किसी भी व्यक्ति की भूख को बदल सकती हैं। दवाइयाँ आपको लगने वाली भूख की भावनाओं को कम कर सकती हैं। दवाइयाँ आपके स्वाद, और गंध लेने या स्वाद की भावना को बदल सकते हैं। कई बार यह मतली का कारण बन सकते हैं। इनमें से कोई भी दुष्प्रभाव आपकी भोजन करने की रुचि को कम कर सकते है। (भूख ना लगने के कारण)
कुछ दवाएं और चिकित्सा उपचार जिनका यह प्रभाव हो सकता है उनमें शामिल हैं:
- एंटीबायोटिक दवाओं के प्रभाव से
- हेवी (स्ट्रॉन्ग) दर्द निवारक गोलियों के सेवन से , जैसे कोडीन और मॉर्फिन
- एंटीडिप्रेसन्ट (अवसाद के इलाज के लिए खाई जाने वाली दवाइयां आपकी भूख कम कर सकती है)
- शामक
- थायराइड हार्मोन से संबंधित दवाएं
- कीमोथेरपी के कारण भी भूख ना लगने जैसी समस्याएं हो सकती है।
- प्रतिरक्षा चिकित्सा
- विकिरण चिकित्सा
- कब्ज
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