ऑफिस में डायबिटीज को कैसे मैनेज करें? जरूरी टिप्स

दुनियाभर में 20 से 79 वर्ष की आयु के 53.7 करोड़ वयस्क किसी न किसी प्रकार की डायबिटीज़ से जूझ रहे हैं — यह एक पुरानी बीमारी है जो शरीर की भोजन को ऊर्जा में बदलने की प्रक्रिया को प्रभावित करती है। यूके में 2019 की एक स्टडी के अनुसार, 18 से 40 वर्ष के वयस्कों में टाइप 2 डायबिटीज़ के नए मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है: वर्ष 2000 में जहां यह आंकड़ा हर 10 में 1 था, वहीं अब हर 8 में 1 व्यक्ति को यह बीमारी हो रही है। अमेरिका में 19 से 34 वर्ष के हर 4 में से 1 युवा प्रीडायबिटिक है — और अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो उन्हें टाइप 2 डायबिटीज़ हो सकती है।
डायबिटीज़ मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है:
- टाइप 1 – यह तेज़ी से विकसित होती है, आमतौर पर बच्चों, किशोरों और युवाओं में पाई जाती है, कुल डायबिटीज़ मामलों में 5-10%। इसे रोका नहीं जा सकता और मरीजों को रोज़ इंसुलिन इंजेक्शन लेने होते हैं।
- टाइप 2 – यह धीरे-धीरे विकसित होती है और वयस्कों में अधिक पाई जाती है, कुल मामलों में 90-95%। इसे लाइफस्टाइल सुधार के ज़रिए रोका या नियंत्रित किया जा सकता है।
- गर्भकालीन डायबिटीज़ – यह गर्भावस्था के दौरान होती है।
कुछ लोगों के लिए घर से काम करते हुए डायबिटीज़ को मैनेज करना आसान हो जाता है — वे अपनी सुविधा से खाना खा सकते हैं, एक्सरसाइज़ कर सकते हैं या इंसुलिन ले सकते हैं।
हालांकि डायबिटीज़ आमतौर पर नौकरी या पेशे को चुनने में बाधा नहीं बनती, लेकिन फुल-टाइम ऑफिस जॉब में काम करते हुए अपनी डाइट और एक्सरसाइज़ प्लान बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ब्लड शुगर लेवल के अचानक बढ़ने या गिरने (हाइपर या हाइपोग्लाइसीमिया) की स्थिति में थकान, धुंधला दिखाई देना, धीमी सोच, और मानसिक भ्रम हो सकता है। लंबे समय तक असंतुलित ब्लड शुगर के कारण डायबिटिक व्यक्ति सामान्य लोगों की तुलना में अधिक थकावट महसूस कर सकते हैं। ऑफिस में वापसी के दौरान ये समस्याएं और अधिक उभर सकती हैं।
ऑफिस लौटने पर डायबिटीज़ को आसान बनाने के लिए ये उपाय करें:
1. अपने मैनेजर को बताएं
अगर आपको लगता है कि आप सहज हैं, तो अपने मैनेजर से अपनी स्थिति के बारे में बात करें। कई बार कर्मचारी काम की प्राथमिकताओं के चलते अपने ब्लड शुगर को नजरअंदाज़ कर देते हैं, जिससे लंबे समय में गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं।
अगर आपके मैनेजर को आपके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी होगी, तो वे ज़रूरत के समय आपको समय, स्थान और सहायता प्रदान कर सकते हैं — जैसे इंसुलिन इंजेक्शन लेने के लिए जगह या शुगर लेवल गिरने पर सहायता। इससे आप लचीलापन पा सकते हैं और ज़रूरत के समय राहत महसूस कर सकते हैं।
इसके अलावा, खुलकर बात करने से सहकर्मियों से जुड़ाव बढ़ता है। हो सकता है कि आपके ऑफिस में कई लोग या उनके परिवार वाले भी डायबिटीज़ से जूझ रहे हों। कई कंपनियों में डायबिटीज़ से जुड़ी कर्मचारी सहायता समूह होते हैं — यदि आपकी कंपनी में ऐसा कुछ नहीं है, तो आप इसकी शुरुआत कर सकते हैं।
2. अपने खानपान पर ध्यान दें
ऑफिस में हमेशा हेल्दी खाना मिलना संभव नहीं होता। इसलिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपना लंच घर से पैक करके लाएं — चाहे रात को तैयार कर लें या हफ्तेभर के लिए प्लान कर लें। सलाद बाउल, दाल-सूप या रैप जैसे भोजन जल्दी बनते हैं और आसानी से रखे जा सकते हैं।
संतुलन सबसे जरूरी है — खाने, एक्टिविटी और दवा/इंसुलिन के बीच। अगर आप बहुत कम खाएंगे और इंसुलिन लेंगे, तो शुगर लेवल खतरनाक रूप से गिर सकता है। वहीं ज़्यादा खाने से शुगर बढ़ सकता है। एक आसान सलाह: जो आप सामान्यतः खाते हैं, उसकी आधी मात्रा खाएं, खासकर कार्ब्स।
कॉलीग के लाए ब्राउनी या मीटिंग में मिले स्नैक्स से खुद को रोकें (जब तक आपको शुगर लो नहीं हो रहा हो)।
3. तनाव को कम करें
तनाव डायबिटीज़ को और बिगाड़ सकता है, खासकर हाइपरग्लाइसीमिया को। तनाव के दौरान शरीर अधिक ग्लूकोज़ रिलीज करता है, और डायबिटिक व्यक्ति की हालत बिगड़ सकती है।
तनाव घटाने के लिए कुछ आसान उपाय:
- डेस्क पर एक तस्वीर या यादगार वस्तु रखें, जिसे देखकर आपको खुशी मिले।
- हर कुछ घंटों में गहरी सांस लेने का अभ्यास करें — इससे हृदय गति कम होती है और मन शांत होता है।
- तनाव में शक्कर न खाएं, बल्कि छह सेकंड रुकें और खुद से कहें:
“मैं इस पल में हूं, सब कुछ ठीक है। सब ठीक होगा, और मैं सब संभाल सकता/सकती हूं।”
4. सक्रिय रहें
ज्यादातर ऑफिस नौकरियां बैठकर करने वाली होती हैं। लेकिन हमारा शरीर बना ही है चलने-फिरने के लिए। एक्सरसाइज़ करने से नींद, इम्यूनिटी, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर सब पर सकारात्मक असर पड़ता है।
ऑफिस में एक्टिव रहने के तरीके:
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जाते हैं तो एक स्टॉप पहले उतर जाएं।
- डेस्क पर बोतल की बजाय ग्लास रखें ताकि बार-बार पानी लेने जाना पड़े।
- प्रिंट निकालने के लिए दूर वाला प्रिंटर चुनें।
- हर दो घंटे में खड़े हों, स्ट्रेच करें या थोड़ा टहलें।
5. समय का प्रबंधन करें
डायबिटीज़ को मैनेज करने के लिए अच्छे टाइम मैनेजमेंट की ज़रूरत होती है — काम, दवा, भोजन, व्यायाम और आराम सभी के लिए समय तय करें। अपने कैलेंडर में सब कुछ लिखें — इससे टकराते समय दिखेंगे और आप पहले से व्यवस्था कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए, अगर हर दिन दोपहर 2 बजे मीटिंग है लेकिन उसी समय आपको इंसुलिन लेना होता है, तो अपने मैनेजर से मीटिंग को थोड़ा आगे बढ़ाने का अनुरोध करें।
निष्कर्ष:
ऑफिस वापसी मुश्किल लग सकती है क्योंकि आपको सेहत और काम दोनों संभालने हैं, लेकिन यह संभव है। अगर आप अपने भोजन, व्यायाम, समय और काम को समझदारी से मैनेज करें, तो डायबिटीज़ पर नियंत्रण रखना आसान हो जाएगा। ये आदतें धीरे-धीरे आपकी ज़िंदगी का हिस्सा बन जाएंगी और आपको ज़्यादा स्वस्थ, संतुलित और आत्मनिर्भर बनाएंगी।
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