डायबिटीज का जड़ से इलाज? साइंस कहता है – हाँ!

मधुमेह का स्थायी इलाज सालों से चिकित्सा विज्ञान की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक रहा है। अब तक यही माना जाता था कि इस बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं है और इसे केवल दवाओं, इंसुलिन और जीवनशैली में बदलाव करके ही नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन हाल ही में चीनी वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक विकसित की है जिससे मधुमेह को जड़ से खत्म करने की उम्मीद जगी है।
मधुमेह (डायबिटीज) क्या है?
मधुमेह, जिसे आमतौर पर डायबिटीज कहा जाता है, एक ऐसी दीर्घकालिक (क्रॉनिक) बीमारी है जिसकी विशेषता होती है रक्त में अत्यधिक शर्करा (ब्लड शुगर) का स्तर। मधुमेह को उसकी अंतिम अवस्था – यानी हाई ब्लड शुगर के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।
ब्लड शुगर क्यों बढ़ता है?
मधुमेह के कई प्रकार होते हैं, और ये अलग-अलग कारणों से होते हैं। लेकिन सभी प्रकारों में एक चीज समान होती है — ब्लड शुगर लेवल का बढ़ जाना।
इसका मुख्य कारण होता है इंसुलिन के कार्य में बाधा आना। इंसुलिन एक महत्वपूर्ण हार्मोन है, जो अग्न्याशय (Pancreas) में बनता है और शरीर में ग्लूकोज को कोशिकाओं में प्रवेश करने में मदद करता है, ताकि वह ऊर्जा में बदल सके।
इंसुलिन कैसे काम करता है?
सामान्य स्थिति में, अग्न्याशय शरीर की ज़रूरत के अनुसार ही इंसुलिन का उत्पादन और स्राव (secretion) करता है — न बहुत कम, न बहुत अधिक। इसका काम है ब्लड शुगर को नियंत्रित रखना ताकि कार्बोहाइड्रेट से प्राप्त ग्लूकोज को शरीर की कोशिकाएं उपयोग कर सकें।
जब यह प्रक्रिया गड़बड़ाती है
अगर किसी वजह से इंसुलिन की मात्रा कम हो जाए, या शरीर उस पर सही से प्रतिक्रिया न करे (इंसुलिन रेजिस्टेंस), तो ग्लूकोज कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाता और यह रक्तप्रवाह में जमा होने लगता है।
इस स्थिति को ही मधुमेह कहा जाता है। लंबे समय तक अनियंत्रित ब्लड शुगर से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे:
- दृष्टि हानि (Vision loss)
- गुर्दे की बीमारी (Kidney disease)
- हृदय रोग
- नसों को नुकसान (Neuropathy)
मधुमेह सिर्फ एक ब्लड शुगर की बीमारी नहीं है, बल्कि यह एक समग्र मेटाबोलिक असंतुलन है जो शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकता है। समय पर पहचान, जीवनशैली में बदलाव, और उचित इलाज से इसे नियंत्रित रखा जा सकता है।
चीन में मधुमेह के इलाज में बड़ी सफलता
चीनी वैज्ञानिकों ने सेल थेरेपी के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने एक ऐसे मधुमेह रोगी का इलाज किया है जो पहले पूरी तरह से इंसुलिन पर निर्भर था, लेकिन अब उसे किसी बाहरी इंसुलिन या दवा की जरूरत नहीं है। सबसे खास बात यह है कि अब उसका अग्न्याशय (इंसुलिन बनाने वाला अंग) अपने आप बेहतर तरीके से काम करने लगा है और यह सब तीन सप्ताह से भी कम समय में हुआ है।
यह रिसर्च कहां और कब हुई?
यह उपचार शंघाई के चांगजेंग अस्पताल, चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन मॉलिक्यूलर सेल साइंस, और रेनजी अस्पताल के वैज्ञानिकों की एक संयुक्त टीम द्वारा किया गया। इसकी जानकारी 30 अप्रैल को मशहूर वैज्ञानिक जर्नल ‘Cell Discovery’ में प्रकाशित की गई।
डायबिटीज क्या है और क्यों होता है?
डायबिटीज एक लाइफस्टाइल से जुड़ी क्रॉनिक बीमारी है, जिसमें शरीर भोजन को ऊर्जा में बदलने की क्षमता खोने लगता है। यह तब होता है जब पैंक्रियाज इंसुलिन बनाना बंद कर देता है, जिसकी वजह से ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित हो जाता है और मरीज को इंसुलिन के इंजेक्शन लेने पड़ते हैं।
कैसे काम करती है यह नई सेल थेरेपी?
इस उपचार में मरीज की अपनी ही कोशिकाओं — पेरीफेरल ब्लड मोनोन्यूक्लियर सेल्स — को विशेष तकनीक से रीप्रोग्राम किया जाता है। इन्हें सीड सेल्स में बदला जाता है ताकि वे कृत्रिम वातावरण में पैंक्रियाज के ऊतकों (Tissues) को फिर से बना सकें। इस प्रक्रिया से इंसुलिन का प्राकृतिक उत्पादन दोबारा शुरू हो जाता है।
कैसे हुआ मरीज ठीक?
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मरीज को जुलाई 2021 में सेल ट्रांसप्लांट दिया गया था। केवल 11 हफ्तों के भीतर ही उसे इंसुलिन की जरूरत नहीं रही। अगले एक साल में उसने धीरे-धीरे ब्लड शुगर कंट्रोल करने वाली दवाएं भी बंद कर दीं। अब तक 33 महीनों से वह मरीज बिना इंसुलिन के स्वस्थ जीवन जी रहा है।
भविष्य में उम्मीदें और संभावनाएं
शोधकर्ताओं का मानना है कि यह नई सेल थेरेपी डायबिटीज मरीजों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है। यदि इसका व्यापक स्तर पर परीक्षण सफल रहा, तो लाखों मरीजों को इंसुलिन और दवाओं से मुक्ति मिल सकती है।
निष्कर्ष
हालांकि यह तकनीक अभी शुरुआती चरण में है और बड़े स्तर पर परीक्षण बाकी हैं, लेकिन यह डायबिटीज के स्थायी इलाज की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। यह शोध न केवल चिकित्सा जगत के लिए बल्कि डायबिटीज से जूझ रहे लाखों लोगों के लिए नई उम्मीद की किरण है।
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी चिकित्सा सलाह या उपचार का विकल्प नहीं है। डायबिटीज या किसी भी स्वास्थ्य समस्या से संबंधित निर्णय लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
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