स्वस्थ शरीर और मस्तिष्क के लिए जरुरी है २० मिनट का व्यायाम

vyayam-is-compulsory

अगर आप अपनी व्यस्त जीवनचर्या में से हर रोज व्यायाम के लिए केवल 20 मिनट निकाल लें तो इससे आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली तो बेहतर होगी ही, गठिया,मधुमेह  और फिब्रोम्यल्गिा (मांस पेशियों का तेज दर्द) जैसे रोगों से भी दूर रहने में आपको मदद मिलेगी

आपका शरीर ही वह मुर्गी है जो रोज आपके लिए सोने का अंडा देती है और आप इसी का ही पेट चीरने पर आमदा हैं. आपको पता है आप सुबह से लेकर शाम तक कितनी हानिकारक चीजें खाते रहते हैं जिसकी जरुरत हमारे शरीर को बिलकुल नहीं होती  इसे प्रतिदिन व्यायाम की जरुरत होती है जो आप कभी नहीं करते हैं  यह भी एक तरह से अन्याय ही है. आप इसपर विचार करके देखिये?

अगर आप अपने शरीर पर ध्यान  नहीं देते तो एक दिन आपका शरीर खतरे में पड़ जायेगा. व्यायाम यानि Exercise भी एक तरह से Investment है. इससे हमें काफी लाभ होता है. प्रतिदिन टहलना, व्यायाम, योग करना, जिम जाना, अपने शरीर का मालिश करना, तैरना, फुटबाल, वॉलीबॉल, क्रिकेट आदि खेलना सारे व्यायाम ही हैं

व्यायाम करने से हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है जिससे बीमारी नहीं होती और इससे हमारा समय और धन दोनों नष्ट नहीं होता. इससे हम चुस्त और तंदुरुस्त रहते हैं. इससे व्यक्तित्व में निखार आता है और आपकी कार्यक्षमता बढ़ जाती है.

जब आप व्यायाम करें, इसे अच्छे तरीके से करें. इसमें पूरी तरह से involved होकर करें. इसकी गुणवत्ता का ध्यान रखे. आधा घंटा घूमना महत्वपूर्ण नहीं है. आधे घंटे में कितनी दूर घूमे,  यह महत्वपूर्ण है. सुबह घूमें जिस समय वातावरण शुद्ध रहता है, इससे आपके शरीर को ताजा ऑक्सीजन मिलता है. तो आज से एक घंटा प्रतिदिन व्यायाम करने का नियम बनायें

यूसी से संबद्ध सूजी होंग के अनुसार, “हमारे अध्ययन से पता चला है कि ट्रेडमिल पर हल्के व्यायाम से टीएनएफ का उत्पादन करने वाली उत्तेजित प्रतिरक्षा कोशिकाओं की संख्या पांच प्रतिशत तक घट जाती है”

व्यायाम से अभिप्राय है अपने तन –मन को स्वस्थ, सुन्दर और निरोग बनाए रखने के लिए किया गया परिश्रमपूर्ण कार्य या प्रयास | सर्वप्रसिद्ध उक्ति ‘पहला सुख निरोगी काया’ के अनुसार शरीर का स्वस्थ व निरोग  रहना ही सबसे बड़ा सुख है | अस्वस्थ व रोगी व्यक्ति संसार के सुखो का भोग कदापि नही कर सकता है | स्वस्थ शरीर के लिए व्यायाम अत्यन्त आवश्यक है | जो व्यक्ति नित्यप्रति व्यायाम करते है , वे ही सदैव स्वस्थ व सुखी रहते है |

खेलना-कूदना , दण्ड- बैठक करना , मुगदर उठाना या घुमाना, कुश्ती लड़ना, कबड्डी खेलना , तैराकी करना, योगाभ्यास करना, नृत्य करना, घुड़सवारी करना, दौड़ लगाना, आसन तथा प्राणायाम करना आदि व्यायाम के कई ढंग , साधन और उपाय है | अपनी रूचि , इच्छा , उपलब्धता और शक्ति के अनुसार व्यक्ति इनमे से किन्ही को चुनकर नियमित रूप से अपना कर उन्हें अपने जीवन का अंग बना सकता है |

व्यायाम शरीर को स्वस्थ, ह्रष्ट-पुष्ट, सुन्दर- सुडौल तो बनाया ही करते है , मन – मस्तिष्क और आत्मा के उचित विकास में भी सहायक हुआ करते है | मस्तिष्क से काम करने वालो के लिए प्रात:काल ब्रह्म-मुहूर्त में घूमना, सूर्य नमस्कार करना आदि लाभकारी व्यायाम है | प्रात:काल खुले वातावरण में घूमना बिना मूल्य का अनमोल व्यायाम है | इससे हमे प्रात:काल जल्दी उठने की आदत पडती है तथा हमारी दिनचर्या नियमित रूप से चलती है | महात्मा गांधी जी ने भी अपनी आत्मकथा में प्रात : व सायकल में भ्रमण करना एक अच्छा व्यायाम बताया है |

व्यायाम करने से अनेक लाभ है जैसे व्यायाम करने से हाथ , पैर और शरीर के अन्य अंग बलिष्ठ हो जाते है | शरीर में स्फूर्ति उत्पन्न हो जाती है | व्यायाम करने से पाचन-क्रिया भी ठीक रहती है , भूख समय पर लगती है | शरीर में रक्त का निर्माण भली प्रकार होता है तथा रक्त का संचार तीव्रगति से होता है | काया ह्रष्ट-पुष्ट तथा मन प्रसन्न रहता है सारा दिन काम करने में मन लगा रहता है |

यदि हमारा शरीर स्वस्थ है तो मन भी प्रसन्न रहेगा | स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ  मन का वास होता है | किसी ने ठीक कहा है A sound mind in a sound body. अंत समय निकाल कर हमे थोडा – बहुत व्यायाम नित्य प्रति अवश्य करते रहना चाहिए |

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *