अभिनेत्री पायल मुखर्जी की मौत कैसे हुई ?

अभिनेत्री मौसमी चटर्जी की बेटी पायल मुखर्जी का गुरुवार को मुम्बई के माहिम स्थित हिंदूजा अस्पताल में निधन हो गया (Moushumi Chatterjee Daughter Payal Mukherjee Dies). पायल की उम्र सिर्फ 45 साल थी. वो काफी समय से गंभीर हालत में थीं और पूरा परिवार मिलकर उनकी देखभाल कर रहा था क्योंकि वो पिछले दो सालों से कोमा में थीं. पायल सिन्हा लंबे काफी समय से बीमार थीं. साल 2018 में पायल की स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि वह कोमा में चली गई थीं और बीते साल अप्रैल, 2018 में ही उनके पति डिक्की सिन्हा उन्हें घर लेकर आ गए थे.पायल सिन्हां जुवेनाइल डायबिटीज (Juvenile Diabetes) से पीड़ित थीं.

पायल सिन्हा की तबीयत को देखकर एक्ट्रेस मौसमी चटर्जी  और उनके पति जयंत मुखर्जी ने उनके पति डिकी सिन्हा  पर सही से ध्यान न रखने का आरोप लगाया था. उनका कहना था कि डिकी सिन्हा ने पायल की फिजियोथेरेपी ट्रीटमेंट बंद करवा दिया था साथ ही उन्होंने अपनी बेटी को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था. पायल के पेरेंट्स की याचिका में लिखा था, ”28 अप्रैल 2018 में पायल को अस्पताल से घर लाया गया. डिकी ने देखभाल के लिए नर्सें रखीं. डॉक्टर ने फिजियोथेरेपी और डाइट का खास ख्याल रखने को कहा था. लेकिन इसे फॉलो नहीं किया गया. डिकी ने ना फिजियोथेरेपी कराई, ना ही पायल की डाइट में बदलाव किया. स्टाफ की पेमेंट बंद कर दी. नर्सें चली गई हैं. पायल की मेडिकल रिपोर्ट दिखाने से भी डिकी सिन्हा ने मना कर दिया. डिकी हमें पायल से मिलने भी नहीं देता.”एक्ट्रेस मौसमी चटर्जी ने पति जयंत मुखर्जी  के साथ मिलकर कोर्ट से बेटी के देखभाल की इजाजात मांगी थी.  पायल डिकी सिन्हा और डिकी सिन्हा की साल 2010 में शादी हुई थी. मौसमी चटर्जी के पति जयंत सिन्हा, बेटी पायल और दामाद डिकी सिन्हा एक ही कंपनी में डायरेक्टर थे. लेकिन साल 2016 में उनके बीच हुए विवाद के कारण उनके आपसी रिश्ते खराब होने लगे.

जुवेनाइल डायबिटीज क्या है ?

यह टाइप-1 डायबिटीज का ही एक नाम है. जुवेनाइल डायबिटीज के केस ज्यादातर 18 साल की कम उम्र के बच्चों में देखे जाते हैं. इस स्थित में शरीर में बनने वाले इंसुलिन की मात्रा बहुत कम होती है. पेन्क्रियाज अपना काम ठीक तरह नहीं कर पाते, नतीजतन इंसुलिन कम बनता है. जब इंसुलिन बनना कम होता है तो ब्लड शुगर लेवल प्रभावित होने लगता है. जो कई तरह के रोगों को बुलावा दे सकता है.

जुवेनाइल डायबिटीज के कुछ शुरुआती लक्षण हैं –

  •  बार-बार प्यास लगना या प्यास का न बुझना.
  •  पानी की प्यास बढ़ने के साथ ही साथ बार-बार यूरिन आना भी जुवेनाइल डायबिटीज के लक्षणों में से एक है.
  • बच्चे अक्सर जुवेनाइल डायबिटीज में रात के समय बिस्तर गीला कर देते हैं.
  • जुवेनाइल डायबिटीज में बच्चे अक्सर तेज भूख का अनुभव करते हैं.
  • तेजी से वजन घटना.

जुवेनाइल डायबिटीज के कारण

जुवेनाइल डायबिटीज के कारणों का पता अभी तक लगाया नहीं जा सका है. इसे ऑटो-इम्यून डिसीज के तौर पर देखा जाता है. यह आनुवांशिक या वायरस का संक्रमण भी हो सकती है.

जुवेनाइल डायबिटीज से बचाव के उपाय

  • सबसे जरूरी है कि लक्षणों को समझ कर समय रहते डॉक्टर से सलाह मश्वरा करें.
  • डॉक्टर के कहे अनुसार दवाएं लेते रहे
  • ज्यादा देर तक खाली पेट न रहें.
  • डाक्टर जब कहे तब समय पर टेस्ट जरूर कराएं.
  •  बच्चों को शारीरिक रूप से सक्रिय बनाएं.
  • जंक फूड से दूर रहें.

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