तनाव को कैसे दूर करे

तनाव क्या है ?

तनाव आम और गंभीर चिकित्सा बीमारी है जो नकारात्मक रूप से आपको कैसा महसूस करती है, आपके सोचने के तरीके और आपके कार्य करने के तरीके को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। सौभाग्य से, यह भी इलाज योग्य है। उदासी और एक बार आनंद लेने वाली गतिविधियों में रुचि की कमी के कारण उदासी की भावना पैदा होती है। यह विभिन्न प्रकार की भावनात्मक और शारीरिक समस्याएं पैदा कर सकता है और किसी व्यक्ति की कार्य और घर पर कार्य करने की क्षमता को कम कर सकता है।

तनाव के लक्षण  

  • अगर आप कुछ दैनिक गतिविधियों को कर पाने मे असक्षम महसूस कर रहे है
  • अधिक सवेंदनशील होना, जिसके कारण छोटी छोटी बात पर रो देना
  • स्वाभाव मे बदलाव जैसे अधिक गुस्सा आना, आवाज तेज मे बात करना या कभी-कभी कोई प्रतिक्रिया ना देना, अचानक हताश हो जाना
  • सोचने की ताकत कम हो जाना, काम मे मन नहीं लगना, जल्दी ही चीजों को भूल जाना
  • खान पान मे बदलाव जैसे या तो बहुत ही कम खाना या बहुत ज्यादा, जल्दी जल्दी खाना, खाते खाते सोच मे पड़ जाना
  • अपने आप को सबसे दूर रखना, अपने प्रति हीन भावना का होना जो कभी कभी आत्महत्या के विचार उत्पन्न करती है, अपने विचारो को बताने मे हिचकना
  • अपने बारे मे या अपनी ज़िन्दगी के बारे में नकारात्मक विचार रखना, अपने जीवन की दुसरे के जीवन से तुलना करना
  • शारीरिक समस्या भी जन्म लेती है मानसिक तनाव में जैसे मधुमेह गठिया,बढ़ता रक्तचाप अत्यधिक बालो का झड़ना, सिरदर्द, सांस लेने में कठिनाई, चर्म रोग और याददास चली जाना

तनाव के कारण

  • अकेलापन
  • वित्तीय समस्याएं
  • हाल में हुए तनावपूर्ण अनुभव
  • वैवाहिक या अन्य  रिश्तों में खटास
  • खराब बचपन
  • शराब या अन्य नशीली दवाओं का सेवन
  • बेरोजगारी
  • जीवनशैली में  बदलाव
  • नीद  कम  आना
  • आर्थिक  तंगी  भी  हो सकती  है  तनाव कारण

तनाव को  कम करने  के लिए योग करे

तनाव को कम करने के लिए योग आसन बहुत ही लाभदायक होते हैं। प्रत्येक व्यक्ति अपनी जीवन में कभी ना कभी तनाव का सामना करता है। आज अनुमानित 80 से 90 प्रतिशत लोग तनाव संबंधित समस्या से परेशान है। योग को कई लोगों द्वारा आत्म-विकास का सबसे पुराना परिभाषित अभ्यास माना जाता है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि सुबह के समय में थोड़ा योग, रात में या लंच ब्रेक पर भी तनाव को कम कर सकता हैं। ऐसा माना जाता है कि तनाव से राहत दिलाने के लिए योग बहुत प्रभावी है क्योंकि योग से होने वाले शारीरिक लाभों के साथ ही यह अच्छे मूड को भी बढ़ावा देता है। योग, ध्यान और मस्तिष्क को तनाव से निपटने और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में सक्षम होने के लिए प्रशिक्षित करते हैं।

तनाव को कम करने के लिए कुछ योग

  • बलासन
  • पश्चिमोत्तानासन
  • जानुशीर्षासन योग
  • शवासन योग
  • मार्जरासन
  • उत्तानासन

क्या तनाव  की समस्या अनुवांशिक होती है ?

तनाव एक मानसिक समस्या है जिसमें व्यक्ति के दिमाग पर नकारात्मक ख्याल हावी हो जाते हैं। तनाव के उपचार के लिए लंबी कांउसलिंग प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। मेडिकल के रिसर्च से तनाव के बारे में रोज नये तथ्यों की जानकारी मिल रही है, जिससे साबित होता है कि तनाव की बीमारी संक्रामक भी होती है यानि ये बीमारी एक से दूसरे लोगों मे भी फैलती है। लेकिन एक सवाल ये भी उठता है कि क्या तनाव आनुवांशिक भी है। आइए जानते हैं कि तनाव अनुवांशिक है या नहीं?

तनाव अनुवांशिक होता है तनाव के जीन 3p25-26 माता- पिता, भाई-बहन से एक-दूसरे में संचरित होते हैं। वैज्ञानिकों का भी मानना है कि 40 प्रतिशत तनाव के रोगियों में समस्या माता-पिता के जीन से संचरित हो कर आती है। जबकि 60 प्रतिशत रोगी इसे आसपास की परिस्थितियों की वजह से पीड़ित होते हैं। इसलिए कहा जा सकता है कि माता- पिता में से किसी को भी तनाव की बीमारी हो तो बच्चों में तनाव की संभावना 5 गुना बढ़ जाती है।

सेरोटिन एक ‘फिल गुड’ केमिकल होता है जो की दिमाग और न्यूरोन के बीच तालमेल को बना कर रखता है। सेरोटोनिन के बैलेंस ना होने के कारण मूड डिसऑर्डर की समस्या हो सकती है। सेरोटोनिन का संबंध भी जेनेटिक होता है। यह भी माता-पिता से बच्चों में आता है। यदि माता-पिता में इस केमिकल स्त्राव की कमी होती है तो बच्चों में भी यहीं कमी रह सकती है, जिससे बच्चों को भी मूड डिसऑर्डर जैसी समस्या हो सकती है।

यदि कोई बच्चा ऐसे लोगों के साथ परिवार में रहता है जो डिप्रेशन का शिकार हो या कोई भी व्यक्ति ऐसे लोगों के साथ रहता है, जो पहले से ही तनाव का शिकार हो तो ऐसे लोगों में तनाव बढ़ जाता है। लिंग भी इसमें एक कारण हो सकता है माना जाता है कि महिलाओं में अनुवांशिक तनाव की संभावना 42 प्रतिशत होती है जबकि पुरुषों में इसकी संभावना 29 प्रतिशत तक होती है।

तनाव का इलाज

१- परिवार  और  दोस्तों  के  साथ  समय  बिताये-  अत्यधि‍क तनाव के समय किसी से मिलने जुलने या बातें करने का बिल्कुल मन नहीं करता। लेकिन यकीन मानिए यह तरीका आपको तनाव में जाने से बचा सकता है। जब भी आपको लगे कि‍ आप तनाव के शि‍कार हैं, अपने परिवार के लोगों या खास दोस्तों के साथ समय बिताएं और बातें करें।

2- समाजिक सक्रियता-  सामाजिक रूप से सक्रिय रहना आपको व्यस्त भी बनाए रखेगा और तनाव के कारण की ओर से आपका ध्यान भी बंटेगा। इससे आप नकारात्मकता के शि‍कार न होकर अपनी ऊर्जा का सही उपयोग कर पाएंगे। कुछ समय में आप सकारात्मकता का अनुभव करेंगें।

३-नकारात्मकता से दूर रहे-  खुद को सकारात्मक बनाएं और प्रोत्साहित करें। अपनी खूबियों और अब तक की उपलब्धि‍यों की लिस्ट बनाएं या फिर कुछ अच्छा और उपयोग कार्य करने के लिए योजना बनाएं। खुद से प्रेम करें और हर चीज को सकारात्मक नजरिए से देखें।

4-भरपूर नीद ले – तनावग्रस्त होने पर अपनी नींद का पूरा ध्यान रखें। कम से कम आठ घंटे की नींद जरूर लें। नींद पूरी होगी तो दिमाग को आराम मिलेगा और वह बगैर तनाव के बेहतर तरीके से कार्य करेगा। छोटे-मोटे तनाव के लिए नींद एक बेहतरीन इलाज है।

5-धूप ले- सुबह के समय या फिर जब भी आप सहज हों हल्की धूप जरूर लें। इससे आपका मन और मस्तिष्क को आराम मिलता है और तनाव भी दूर होता है। प्राकृतिक स्थानों पर जाएं या फिर घर के आंगन, बरामदे या बालकनी में शांत मन से बैठें।

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