टाइप 1 डायबिटिक बच्चे के साथ समर ट्रिप पर कैसे जाये ?

1

टाइप 1 मधुमेह वाले बच्चों के माता-पिता जानते हैं कि आपके बच्चे को स्वस्थ रखना 24 * 7 का काम है। वे इसे पूरे प्रयासों के साथ पूरा करना चाहते हैं। और जब आपने अपने बच्चे के इलाज के साथ अपने जीवन में कई चीजें धारण की हों, तो आपको T1D को यात्रा करने और परिवार की छुट्टी के बंधन अनुभव का आनंद लेने से हतोत्साहित नहीं करना चाहिए। याद रखें कि आपका बच्चा पहले एक बच्चा है  उसे सिर्फ डायबिटीज है, और इससे उन्हें या परिवार को उस समय से नहीं रोकना चाहिए जो एक महान समय हो सकता है।

बच्चों के पालन-पोषण का सफर खुशियों, परेशानियों और सीखने के कई सारे मौकों से भरा होता है. यदि आपको पता चलता है कि आपके बच्चे को टाइप 1 डायबिटीज है तो यह खबर आपको एक अलग तरह के बदलाव की ओर लेकर जाती है. टाइप 1 डायबिटीज में इम्युन सिस्टम का प्रभाव पैनक्रियाज (अग्नाशय) के इंसुलिन बनाने की क्षमता पर पड़ता है. इस स्थिति में ब्लड शुगर के स्तर पर लगातार नजर रखने की जरूरत होती है. हालांकि, इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि टाइप 1 डायबिटीज के साथ भी आपका बच्चा एक अच्छी, सेहतमंद जिंदगी जी पाए. इसमें मुख्य रूप से समस्या को नियंत्रित करने के लिए उन पहलुओं पर ध्यान दिया जाता है जिसका प्रभाव आपके बच्चे के पूरे स्वास्थ्य पर पड़ता है, जैसे रोजाना व्यायाम करने को महत्व देना भी एक महत्‍वपूर्ण पहलू है.
टाइप 1 डाबबिटीज से पीड़ित बच्चे की दिनचर्या में शारीरिक गतिविधियों को शामिल करना उनकी सेहत तथा तंदुरुस्ती के लिए बेहद जरूरी है. माता-पिता को चाहिए कि अपने बच्‍चे को रोजाना 30 मिनट तक एक्‍सरसाइज करायें, इससे ना केवल उनके बच्चे का ब्लड शुगर नियंत्रित रखने में मदद मिलेगी, बल्कि इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता में भी सुधार होगा. साथ ही वे एक सेहतमंद जिंदगी भी जी पाएंगे. डायबिटीज के नियंत्रण को आसान बनाने वाली अत्‍याधुनिक तकनीकों को अपनाने से भी डायबिटीज का सफर परेशानीरहित बन सकता है. जैसे, माता-पिता ग्लूकोज पर लगातार निगरानी रखने वाले डिवाइस (सीजीएम) का इस्तेमाल कर रात-दिन उनके ग्लूकोज लेवल की जांच कर सकते हैं. इससे उन्हें रियल-टाइम डेटा मिल जाता है कि कैसे बच्‍चे के खान-पान, शारीरिक गतिविधियों और इंसुलिन लेने से ब्लड शुगर के स्तर में बदलाव हो रहा है.’’

“किसी के लिए डायबिटीज में देखभाल करना मुश्किल हो सकता है-खासकर बच्चों के मामले में माता-पिता अपने बच्चों की सेहत की देखभाल में अहम भूमिका निभाते हैं. बच्चों को इसमें सक्षम बनाने और डायबिटीज के नियंत्रण की जटिलता को कम करने में टेक्‍नोलॉजी से प्रेरित होकर बनाई गई सीजीएम डिवाइस उपयोगी साबित हुए हैं. इसमें ज्यादा परेशानी नहीं होती और बच्चे के ग्लूकोज के स्तर को बिना किसी दर्द के जांचा जा सकता है. इसके साथ ही स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने से डिजिटल कनेक्शन तैयार हो जाता है और माता-पिता भी आसानी से निगरानी रख पाते हैं. साथ ही डेटा तथा ब्लड शुगर में अचानक हुई बढ़ोतरी या कमी को विजुअल ग्राफ की जानकारी से रियल-टाइम में अप-टू-डेट रहा जा सकता है. ये एक उपयोगी टूल है, जो माता-पिता को ग्लूकोज के बढ़े हुए स्तर की स्थिति में इंसुलिन की सटीक डोज देने में सशक्‍त कर सकते हैं. वहीं, उनकी चिंता दूर होती है और आत्मविश्वास भी काफी बढ़ जाता है.’’ आजकल की गैजेट वाली दुनिया में, शारीरिक गतिविधियों को अपने बच्चे की जिंदगी में शामिल करना काफी मुश्किल है. शुक्र है ऐसे में कुछ गेम प्लान हैं जिनके चार आसान स्टेप्स को अपनाने से आप अपने बच्चे को बड़ी ही आसानी से सेहतमंद और सक्रिय दोनों ही रख सकते हैं:

सक्रिय बने रहने के लिए मजेदार गतिविधियां करें

बच्चों को सक्रिय बनाए रखने के लिए ऐसी एक्सरसाइज के बारे में पता लगाना जरूरी है, जिसमें उनकी रुचि हो. उनको किसी प्रकार के टीम गेम में शामिल कर एक दिनचर्या बनाने से मदद मिल सकती है. दोस्तों या परिवार के लोगों के साथ साइकिल चलाना, डांसिंग, क्रिकेट खेलना या खो-खो या कबड्डी जैसी शारीरिक गतिविधियों को अपनाया जा सकता है. बच्चे को ऐसा महसूस ना होने दें कि वे अकेले हैं और उन्हें अपनी बीमारी की वजह से एक्सरसाइज करने की जरूरत है, बल्कि इसे परिवार के साथ मिलकर किया जाने वाला काम बना दें. यह एक-दूसरे से जुड़ने और शरीर को स्वस्थ रखने का भी एक मजेदार तरीका है. किसी भी प्रकार की गतिविधि करने के साथ-साथ पर्याप्त नींद लेने पर भी ध्यान दें, क्योंकि टाइप 1 से पीड़ित बच्चों के लिए आराम बेहद जरूरी है.

  स्नैक्स हमेशा तैयार रखें

एक्सरसाइज के लिए तैयार होने के लिए लोगों को लगभग 15 ग्राम कार्बोहाइड्रेट (जैसे ग्रेनोला बार के रूप में) लेने के लिए कहा जाता है, यदि उनका ब्लड ग्लूकोज का स्तर 100 मिलीग्राम/डीएल से कम है- खासकर जब आपका बच्चा 30 मिनट या उससे अधिक देर तक खेलने-कूदने के बारे में सोच रहा है. हालांकि, कई बार वर्कआउट के पहले लिए जाने वाले स्नैक शुगर के स्तर को गिरने से रोकने के लिए पर्याप्त नहीं होते हैं. जब एक्सरसाइज ना कर रहे हों तो भी अपने पास स्नैक का डिब्बा रखना समझदारी का काम है, खासकर जब आपको पता ना हो कि कब आपको एकदम से एक्टिव होना पड़ जाए.

डायबिटीज से जुड़ी बातों को लिखते रहने की आदत डालें

ये करना हमेशा संभव नहीं है- और ऐसा होना ठीक भी है. महत्वपूर्ण बात यह है कि हर किसी के अनुभव से सीख लेना, जैसे ये समझना कि आपके बच्चे के शुगर का स्तर अलग-अलग प्रकार की खाने-पीने की चीजों और गतिविधियों में किस प्रकार की प्रतिक्रिया करता है. खासकर, जब आपके बच्चे ने अभी-अभी एक्सरसाइज करना आरंभ किया हो. आपको लगातार निगरानी रखनी चाहिए. उनके ग्लूकोज के स्तर, उनके खाद्य पदार्थों और उनकी एक्सराइज की जानकारी समय के साथ लिखें. इससे आप यह चुन पाएंगे कि कौन-सा गेम प्लान काम कर रहा है और कौन-सा नहीं, चाहे स्नैक लेने का समय बदलने की जरूरत महसूस हो या फिर सुबह-शाम की सैर का समय बदलने की बात हो. अपने बच्चे की दिनचर्या में किसी भी प्रकार का बदलाव करने या आपके मन में कोई सवाल होने की स्थिति में हमेशा ही किसी डॉक्टर से सलाह लें. याद रखें, डायबिटीज से पीड़ित बच्चों को अपनी बीमारी की वजह से दायरों में नहीं बांधा जा सकता. इन सभी टिप्स की मदद से आप आसानी से उनकी जिंदगी में शारीरिक गतिविधियों को शामिल कर सकते हैं, वहीं उनके ब्लड शुगर के स्तर को भी नियंत्रित रख सकते हैं. आपके बच्‍चे के साथ पूरा परिवार मिलकर इन गतिविधियों को साथ में कर सकता है

इसलिए आपको इन सभी चीजों को लेना होगा जो आपके बच्चे को चाहिए। 

बच्चे की एक मेडिकल आईडी और मधुमेह-कंगन

 उसे उसकी मेडिकल आईडी ब्रेसलेट पहनाने से उसकी बीमारी, व्यक्तिगत जानकारी मिल जाती है जो आपातकालीन स्थिति में उसके लिए लाभदायक साबित हो सकती है । यदि आपको पैरामेडिक्स की आवश्यकता है, तो यह आपातकालीन देखभाल प्रक्रिया को तेज करने में मदद करती  है, क्योंकि वे वास्तव में जान पाते  हैं कि आपकी मदद कैसे करें यह इन परिस्थितियों में कीमती समय बचा सकता है।

पैकिंग-इंसुलिन

 अपने साथ पर्याप्त इंसुलिन रखे ताकि आपातकालीन स्थिति में कम ना पड़े   ,एक तल, दबाव और तापमान इंसुलिन को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह आवश्यक है कि आप इसे ठंडा रखें

 मधुमेह के नाम विभिन्न भाषाओं में पता कर ले

 यात्रा करते समय, यह आपको विभिन्न भाषाओं में “मधुमेह” शब्द को पता कर लेना चाहिए ताकि आपातकालीन स्थिति में आप उस बीमारी के बारे में बताकर जरुरी इलाज उपलब्ध करा सकें ये आपातकालीन स्थितियों में काफी महत्वपूर्ण हो सकता  है

समय को पहले से अपडेट कर ले

 अपने देश से उस देश के समय को अपडेट कर ले क्योकि जो इंजेक्शन आपके बच्चे को १२ बजे लगना हो ,उस देश के अनुसार ३ बजे लगना हो अतः दवा का समय पहले ही अपडेट कर ले

मधुमेह टीम के साथ परामर्श कर ले

 स्वास्थ्य की दृष्टि से पहले से निर्धारित करें यात्रा की योजनाओं को छोड़ने और समीक्षा करने से पहले अपनी मधुमेह टीम के साथ परामर्श करें। उसे या उसके पास से एक पत्र लाएँ, जिससे यह संकेत मिले कि आपके बच्चे को मधुमेह है और उसे हर समय अपने साथ रखने की ज़रूरत है। और उचित दिशानिर्देश लें कि यदि आप किसी अलग समय क्षेत्र में यात्रा कर रहे हैं तो इंसुलिन को कैसे समायोजित करें

इन्सुलिन को दो बैग में रखें .

  इन्सुलिन को हमेशा दो अलग अलग बैगो में रखे क्योकि यात्रा करते समय, हमेशा बैग खो जाने या चोरी होने का खतरा रहता है। इस वजह से, आपको अपने बच्चे के इंसुलिन को दो अलग-अलग बैगों में विभाजित करने के रखना चाहिए । यदि कोई खो जाता है या चोरी हो जाता है, तो बैकअप लेना महत्वपूर्ण है जो तब तक चलेगा जब तक आप अधिक प्राप्त नहीं कर सकते।

यात्रा कूलर में इन्सुलिन रखे

 यात्रा कूलर समुद्र तट पर इंसुलिन को ठंडा रखने का एक शानदार तरीका है, लेकिन इसे सीधे बर्फ के पास न रखें – उदाहरण के लिए, इसे तौलिया में लपेटें। तापमान विनियमन के मामले में होटल रेफ्रिजरेटर के बारे में सावधान रहें – फ्रीजर अनुभाग से आपूर्ति को दूर रखें और शायद एक तौलिया में लिपटे।

बच्चे का भोजन

  अपने बच्चे  आप हवाई अड्डे या सड़क किनारे रेस्तरां में स्वस्थ भोजन विकल्प दे सकते हैं: फल, नट्स, सैंडविच, दही चिकन या मछली के साथ सलाद (सूखे फल और croutons को छोड़ें) अंडे और आमलेट एक रोटी के बजाय एक लेट्यूस रैप के साथ बर्गर Fajitas (tortillas और चावल को छोड़ें)  

रुकने की स्थिति

 जहाँ आप रुके हुए हैं, वहाँ फार्मेसियों और क्लीनिकों का पता लगाएं। कम संख्या में पता करने के लिए यदि किसी विदेशी गंतव्य की यात्रा करते हैं, तो 911 के समतुल्य आपातकालीन नंबर को जानें।

नियमित परीक्षण  कराना 

बच्चे की जाँच नियमित करते रहे ताकि  उचित समय पर उचित  इलाज  उपलब्ध कराया जा सके जैसे यदि बच्चे की ग्लूकोस अधिक है तो उसे इन्सुलिन दे दे यदि ग्लूकोस कम हो तो उचित इलाज उपलब्ध कराए

About Author

1 thought on “टाइप 1 डायबिटिक बच्चे के साथ समर ट्रिप पर कैसे जाये ?

  1. और किन चीजो को ले जा सकते है समर ट्रिप पर?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *