हार्ट अटैक क्या होता है?

हार्ट अटैक क्या होता है?

हार्ट अटैक जिसे  हम दिल का  दौरा  पड़ना   भी  कहते है लकिन क्या आप जानते है की हार्ट अटैक क्या होता है ,  हमारा ह्रदय  लगातार  शरीर  के  सभी अंगो  में  ऑक्सीजन  और खून  पहुंचाता है  मतलब की  हमारा  ह्रदय खून  को  पम्प करता है और शरीर के सभी अंगो में  पहुंचाता है अगर  ये पम्प हमारे शरीर में सही तरीके से नही हुआ  तो  इसकी वजह  से हमारे  शरीर  में  खून  का  प्रवाह  सही से   नही   होगा  जिसके  वजह से  हमे  हार्ट अटैक पड़ सकता है

हार्ट अटैक  के  लक्षण

हार्ट अटैक कभी भी आ सकता है लेकिन कुछ लक्षण है जो हार्ट अटैक के 1 महीने पहले ही नजर आने लगते है

1. सूजन: जब दिल को शरीर के सभी आंतरिक अंगों में रक्त पहुंचाने के लिए अधि‍क मेहनत करनी पड़ती है, तो शि‍राएं फूल जाती हैं और उनमें सूजन आने की संभावना बढ़ जाती है। इसका असर खास तौर से पैर के पंजे, टखने और अन्य हिस्से में सूजन के रूप में नजर आने लगता है। इसके कभी-कभी होंठों की सतह पर नीला होना भी इसमें शामिल है.

2. थकान होना:  बिना किसी मेहनत या काम के थकान होना भी हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है. जब हृदय धमनियां कोलेस्ट्रॉल के कारण बंद हो जाती हैं, तो हार्ट को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे जल्द ही थकान महसूस होने लगती है. ऐसी हालत में कई बार रात में अच्छी खासी नींद लेने के बाद भी आप आलस और थकान का अनुभव करते हैं.

3. सीने में असहजता: यह दिल के दौरे के लिए लक्षणों में से एक है. सीने में होने वाली किसी भी प्रकार की असहजता आपको दिल के दौरे का लक्षण हो सकती है. खास तौर से सीने में दबाव या जलन महसूस होना.

4. लगातार सर्दी होना: लंबे समय तक सर्दी या इससे संबंधि‍त लक्षणों का बना रहना भी दिल के दौरे की ओर इशारा करता है. सर्दी में कफ के साथ सफेद या गुलाबी रंग का बलगम, फेफड़ों में बहने होने वाले ब्लड के कारण हो सकता है.

5 चक्कर आना: जब आपका दिल कमजोर हो जाता है, तो ऐसे में दिमाग तक आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती, जिससे लगातार चक्कर आना या सिर हल्का होना जैसी समस्याएं होने लगती हैं.

हार्ट अटैक आने  के  कारण

धमनियों के भीतर प्लैक जमना:- धमनियों  के भीतर धीरे धीरे प्लैक जम जाता है. प्लैक नसों को संकरा बना देता है, इससे ब्लड सर्कुलेशन होने में परेशानी आती है. यहां से हार्ट अटैक के खतरे की शुरूआत होती है.

आर्टरी का बंद होना:-धमनी में प्लैक जमने के बाद पीड़ित इंसान अगर दौड़ भाग वाला काम करे तो खतरा बढ़ जाता है. शरीर को ज्यादा एनर्जी देने के लिए हार्ट बहुत तेजी से धड़कने लगता है, लेकिन इस दौरान संकरी धमनी में लाल रक्त कणिकाएं जमा होने लगता है और ब्लड सर्कुलेशन बंद हो जाता है.

ऑक्सीजन की कमी होना :-बंद धमनी, हार्ट को जरूरत के हिसाब से ब्लड और ऑक्सीजन नहीं दे पाती है. बस फिर हमारा हार्ट ऑक्सीजन के लिए छटपटाने लगता है. धड़कन और तेज हो जाती है. सांस लेने में परेशानी होने लगती है

हार्ट  अटैक से  बचने  के  उपाय

नियमित व्यायाम करें :-हार्ट अटैक से बचने का सबसे बेहतर तरीका है कि आप रोजाना व्यायाम करें। आप कम से कम 15 मिनट तक शारीरिक कसरत करें। दिल को तंदुरुस्त रखने के लिए वॉक करना भी एक अच्छा व्यायाम है।

ऑयली या ज्यादा चिकनाई वाले खाने से बचें:- जंक फूड में ज्यादा ऑयल होता है इसलिए ये हार्ट के लिए सही नहीं हैं। दिल के दौरे से बचने के लिए इस तरह के खाने से तौबा करें।

वजन कम करे: कई बार सुनने मे‌ आता हैं व हम देखते है की उन लोगो को हार्ट अटैक की समस्या अधिक रहती है जो काफी मोटे होते हैं ऐसे लोगो को स्वास्थ्य पर जल्द ही ध्यान देना शुरू कर देना चाहिए अन्यथा वक्त के साथ वो बहुत सी बिमारीयो के शिकार भी हो सकते है

तनाव से बचे:-हार्ट अटैक की सबसे बडी वजह तनाव ही है तनाव के कारण लोगो को सबसे अधिक हार्ट अटैक आते है इससे बचने का एक ही तरीका है की आप कभी भी किसी भी परिस्थिति मे तनाव से हमेशा बचे रहे तनाव आपके स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदेह होता है व हार्ट के रोगी के लिए थोडा तनाव भी जानलेवा भी हो सकता हैं।

नियमित ब्लडप्रेशर  की जाँच:-हार्ट अटैक के रोगी के लिए ब्लड प्रेशर की नियमित जांच कराना बहुत जरुरी है क्युँकि ज्यादा ब्लड प्रेशर से किसी भी वक्त व्यक्ति को दिल का दौरा पड सकता हैं  अगर आप‌ नियमित ब्लड प्रेशर की जांच कराते है इससे  आपको ब्लड प्रेशर की नियमित जानकारी मिल जायेगी व आप इसकी दवाई ले के दिल के दौरे से भी बच सकते हो

डायबीटीज में  सावधानी  रखे:-शुगर ( डायबिटीज ) के बारे मे तो आप जानते ही होगे व इसके नुकसान से भी परिचित होगे शुगर ऐसा रोग है जो शरीर मे अलग अलग प्रकार की हजारो बिमारीयो को उत्पन्न करता है व दिल के मरीज को शुगर होने पर अधिक सावधानी बरतनी चाहिए आपको बार बार दिल के दौरे पडते है व शुगर की बिमारी से ग्रसित है तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

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