ऐसे कुछ टिप्स जो आपके ह्रदय को रखे स्वस्थ
स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिल रहता है। आप बहुत जवान या उम्रदराज हो गये हैं यह जरूरी नहीं है, दिल की देखभाल हर उम्र में करनी चाहिए। स्वस्थ आदतें ही आपके शरीर को कार्डियोवस्कुलर बीमारियों से बचा सकती हैं।
शारीरिक गतिविधि
दिल को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम बहुत जरूरी है। कम मेहनत वाले एरोबिक व्यायाम (ब्रिस्क वॉक यानी तेज चलना) सप्ताह में कम से कम 2½ घंटे (150 मिनट) करें, या फिर अधिक मेहनत वाले एरोबिक व्यायाम (जैसे – जॉगिंग या रनिंग) सप्ताह में कम से कम 1 घंटे 15 मिनट तक जरूर करें, या फिर दोनों व्यायाम एक साथ करें। इसके अतिरिक्त अपनी मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए सप्ताह में दो या तीन दिन तक स्ट्रेंथ ट्रेनिंग कीजिए, इससे आपके पैर, कमर, पीठ, सीने, कंधे, की मांसपेशियां मजबूत बनेंगी।
धूम्रपान से बचें
प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से धूम्रपान करने से बचें। प्रत्यक्ष धूम्रपान से अधिक नुकसानदेह अप्रत्यक्ष धू्म्रपान होता है। यूएस सर्जन जनरल की रिपोर्ट के अनुसार अप्रत्यक्ष तरीके से धूम्रपान करने वालों में दिल और फेफड़े संबंधित बीमारियों के फैलने का खतरा प्रत्यक्ष धूमप्रान करने वालों से 30 प्रतिशत तक अधिक होता है।
स्वस्थ आदतें अपनायें
दिल को स्वस्थ रखने के लिए स्वस्थ आदतों को अपनाना बहुत जरूरी है। अपने साथ-साथ बच्चों को स्वस्थ आदतों के बारे में बतायें। ज्यादा से ज्यादा वक्त आराम करने की बजाय शारीरिक गतिविधि करने में बितायें। आसपास की जगह बाइक या गाड़ी से जाने की बजाय पैदल ही जायें। अपने बच्चों को भी अपने साथ शारीरिक गतिविधियों में लगायें।
पारिवारिक इतिहास
अगर आपके परिवार में किसी को दिल संबंधित बीमारी हुई है तो आपको भी भविष्य में दिल संबंधित बीमारी होने का खतरा बना रहता है। इसलिए अपने पारिवारिक इतिहास को जानकर इसके संभावित खतरे से बचने की कोशिश करें। वजन को नियंतत्रण में रखें, नियमित व्यायाम करें, धूम्रपान न करें, और स्वस्थ आहार का सेवन करें। इसके अलावा अपने दिल की नियमित जांच भी कराते रहें।
तनाव से बचें
तनाव आपके दिल का सबसे बड़ा दुश्मन है, इसे काबू में रखने की कोशिश करें। तनाव के कारण दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है जो आपकी धमनी की दीवारों को क्षतिग्रस्त कर सकता है। इसलिए तनाव को काबू में रखने की कोशिश करें, इसके लिए गहरी सांस लेने वाले योग और मेडीटेशन को आजमायें।
ब्लड शुगर की जांच
अपने ब्लड शुगर के स्तर की जांच समय-समय पर कराते रहें। 45 साल की उम्र तक होने के बाद ब्लड शुगर की जांच कराना जरूरी हो जाता है। ब्लड शुगर की जांच हर तीन साल पर जरूर करायें। अगर आपका वजन अधिक है, मधुमेह से ग्रस्त हैं, या फिर मधुमेह होने की संभावना है तो ब्लड शुगर की जांच पहले ही करायें।
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