गर्भावस्था में मधुमेह होने पर अपनाये ये 7 नुस्खे

1

प्रेगनेंसी में महिलाएं खूब खाती है। जो मन किया और जब मन किया खाने लगती है। पहले कहा जाता था कि ये बच्चे का मन होता है, इसलिए लोग बड़े चाव से गर्भवती महिला को उसकी पसंद की चीजें खिलाते थे। गर्भावस्था के दौरान ज्यादा खाने या बहुत मीठा खाने से महिलाओं में डायबिटीज की समस्या हो सकती है। प्रेगनेंसी में कई महिलाओं का ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। जिसे जेस्टेशनल डायबिटीज कहते हैं। प्रेगनेंट महिला का ब्लड शुगर लेवल बढ़ने से बच्चे के विकास और डिलिवरी के दौरान परेशानी हो सकती है। हालांकि ये डायबिटीज बच्चा होने के बाद खत्म हो जाती है। लेकिन प्रेगनेंसी में ब्लड शुगर को कंट्रोल रखना बहुत जरूरी हो जाता है। जानिए जेस्टेशनल डायबिटीज को कैसे कंट्रोल करें।

  1. खूब सलाद खाएं- ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए डाइट में भरपूर सलाद का सेवन करना चाहिए। सलाद खाने से शरीर में ग्लूकोज लेवल को कम किया जा सकता है। डायबिटीज होने पर डाइट में खीरा, टमाटर, सलाद पत्ता और गाजर को जरूर शामिल करें। इससे ग्लाइसेमिक इंडेक्स स्लो रहेगा और डायबिटीज कंट्रोल में रहेगा।
  2. अंडा खाएं- गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को हेल्दी डाइट लेनी चाहिए। खाने में अंडा जरूर शामिल करें। रोजाना एग खाने से ब्लड शुगर लेवल को भी कंट्रोल किया जा सकता है। अंडा खाने से शरीर को जरूरी प्रोटीन, विटामिन और ओमेगा-3 फैटी एसिड मिलता है। अंडा खाने से ब्लड शुगर लेवल को भी कंट्रोल किया जा सकता है।
  3. बादाम खाने से फायदा- डायबिटीज के मरीज को बादाम जरूर खाने चाहिए। इससे ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है। रोजाना भीगे हुए बादाम खाने से गर्भ में पल रहे शिशु का मानसिक विकास अच्छा होता है। बादाम को आप स्नैक्स के तौर भी खा सकते हैं। इससे पेट भी भर जाता है और क्रेविंग भी शांत होती है।
  4. सीड्स खाएं- प्रेगनेंसी में सीड्स का सेवन करना चाहिए। रोजाना सीड्स खाने से शरीर को फाइबर मिलता है। इससे गर्भावस्था के दौरान बढ़े हुए ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है। पाचन संबंधी परेशानियां को भी सीड्स खाने से दूर किया जा सकता है। डायबिटीज में चिया सीड्स खाना फायदेमंद माना जाता है। इससे लंबे समय तक पेट भरा रहता है और शरीर को सभी पोषक तत्व मिल जाते हैं।
  5. दही का सेवन करें- प्रेगनेंसी डाइट में दही जरूर शामिल कर लें। दही में प्रो-बायोटिक होते हैं जो पेट और आंतों को हेल्दी बना रखते हैं। डायबिटीज में भी दही आसानी से खा सकते हैं। इससे डायबिटीज में काफी सुधार आता है। दही खाने से शरीर को विटामिन सी और प्रोटीन मिलता है। दही से इम्यूनिटी मजबूत होती है।

आपका मील प्लान और शिशु का स्वास्थ

गर्भावस्था के दौरान आपका आहार ही आपके शिशु का स्वास्थ्‍य निर्धारित करता है। ऐसे में गर्भवती मधुमेह महिला  की स्थिति में आहार योजना के बारे में आहार विशेषज्ञ से सम्पर्क करना आवश्यक हो जाता है। हो सके तो चिकित्सक से अपने आहार की सूचि बनवा  लें और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा और अपने वज़न को नियंत्रित करने का हर सम्भव प्रयास करें।

नियंत्रण खोने ना पाए

आहार का समय, मात्रा और प्रकार रक्त में ग्‍लूकोज़ की मात्रा को प्रभावित करता है। समय पर सही आहार का सेवन करें और कुछ समय के लिए आहार की योजना का सख्ती से पालन करें। मिठाइयों से दूर रहे  और दिन में एक से दो बार स्नैक्स लें। फलों और हरी सब्जि़यों का सेवन करे  ।

व्यायाम नियमित रूप से करे

प्रतिदिन कम से कम 2 घण्टे का सामान्य व्या‍याम करें और लगभग 30 मिनट तक करते  रहें। सामान्य व्यायाम करने पर आपका शरीर इन्सुलिन का सही प्रयोग कर रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित करेगा। गर्भवती महिलाओं के लिए तैराकी और टहलना अच्छा व्यायाम है।

रक्त में शुगर कि नियमित रूप से जाँच करे

मधुमेह  में गर्भवती  महिला  की चिकित्सा का एक महत्वपूर्ण भाग है रक्त में शुगर की जांच। प्रतिदिन एक से दो बार घर बैठे रक्त में शुगर की मात्रा की जांच करें और इस विषय में चिकित्सक से सलाह  लें।

भ्रूण विकास और स्वास्थ कि जाँच

चिकित्सक आपको फीटल किक की गिनती करने की भी सलाह देगा(फीटल किक वह समय होता है जब भ्रूण गर्भवती महिला को लात मारता रहता है।) जिससे यह पता चल सके कि आपका शिशु सामान्य गति से क्रिया कर रहा है या नहीं। शिशु के विकास के परीक्षण के लिए अल्ट्रासाउण्ड कराना भी एक अच्छा विकल्प है।

समय समय पर चेक अप कराते रहे

अगर आप गर्भवती  मधुमेह महिला  है तो समय–समय पर चिकित्सक से सम्पर्क करना आपके और होने वाले शिशु के लिए बहुत आवश्यक है। रक्त में शुगर की मात्रा को देखते हुए आप अपने आहार और वजन नियंत्रण करने के विषय में भी चिकित्सक से सम्पर्क कर सकते हैं।

ज्यादा से ज्यादा सोये

यदि आपको बहुत ज्यादा नींद आती है तो बेहतर है कि इन दिनों सोएं। सोने से आपका बच्चा स्वस्थ होता है। गर्भावस्था के दौरान महिला हमेशा थकान से भरी रहती है। वास्तव में इन दिनों गर्भ में पल रहा शिशु अपनी मां से काफी कुछ की चाह रखता है। वह खुद ही मां से उन तमाम चीजों का पूर्ति करता है। ऐसे में मां का थकना लाजिमी है। तो जितना हो सके नीद भरपूर  ले ।

About Author

1 thought on “गर्भावस्था में मधुमेह होने पर अपनाये ये 7 नुस्खे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *