प्री-डायबीटीज क्या है ?

प्रीडायबिटीज एक स्वास्थ्य स्थिति है जिसका अर्थ है कि आपका रक्त शर्करा का स्तर सामान्य से अधिक है,लेकिन अभी तक आप मधुमेह के निदान के लिए पर्याप्त नहीं हैं। प्रीडायबिटीज के लिए ब्लड शुगर रेंज 100-125 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (mg / dL) है, और A1c रेंज 5.7% से 6.4% है। A1cऔसतन 2 से 3 महीने में आपकी ब्लड शुगर को बढ़ा देता है।आमतौर पर प्रीडायबिटीज के कोई लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन डायबिटीज का पता चलने से पहले यह लगभग हमेशा दिखाई देता है।अमेरिका में 20 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 86 मिलियन लोगों को प्रीडायबिटीज है। और डॉक्टर इसे अधिक बार निदान करने की आवश्यकता को देखते हैं। इसका इलाज करने से बाद में स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं को रोका जा सकता है। ये टाइप 2 डायबिटीज से लेकर आपके दिल, रक्त वाहिकाओं, आंखों और किडनी तक की समस्याओं से ग्रस्त हैं।

प्री-डायबीटीज के लक्षण

अनुवांशिक कारण :-आपके परिजनों को पहले से डायबिटीज है तो आपको डायबिटीज होने की आशंका बनी रहती है। यदि आपने ऐसे बच्‍चे को जन्‍म दिया है जिसका वजन 9 पाउंड से ज्‍यादा है तो आपको प्री डायबिटीज की समस्‍या हो सकती है। यदि आपकी उम्र 45 वर्ष से ज्‍यादा है और आपका अधिकतर समय बैठकर गुजरता है तो यह टाइप 2 डायबिटीज का कारण बन सकता है।
डायबीटीज  जैसे  लक्षण:-कई लोगों को प्री डायबिटीज की समस्‍या होने पर भी उनमें इससे संबंधित लक्षण नहीं पाएं जाते। कई बार प्री डायबिटीज के रोगियों में डायबिटीज से मिलते-जुलते लक्षण जैसे ज्‍यादा प्‍यास लगना, थोड़ी- थोड़ी देर में पेशाब आना और कम काम करने या न करने पर भी थकान महसूस होने जैसे लक्षण पाएं जाते हैं।
नीद  पूरी  न  ले  पाना:– जो लोग नियमित रूप से रात में छह घंटे से कम की नींद लेते हैं या उन्‍हें सोने में परेशानी होती है। मसलन सोने के दौरान बीच-बीच में नींद खुलती रहती है, ऐसे लोग भी प्री डायबिटीज के शिकार हो सकते हैं। सोने में परेशानी का कारण हार्मोन असंतुलन हो सकता है। ब्‍लड ग्‍लूकोज बढ़ने के कारण हार्मोन असंतुलन की समस्‍या होती है।
स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍याएं:-यदि आपको पहले से ही कोई स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍या है तो यह शरीर में ब्‍लड ग्‍लूकोज का स्‍तर बढ़ने का कारण हो सकता है। यदि आप मोटापे का शिकार है या आपका बॉडी मॉस इंडेक्‍स (बीएमआई) 25 से ज्‍यादा है तब भी आपको प्री डायबिटीज हो सकती है। हाई कोलेस्‍ट्रॉल की समस्‍या या दिल संबंधी बीमारी होने पर भी प्री डायबिटीज हो सकती है।

प्री-डायबिटीज के  कारण

  • प्रीडायबिटीज तब होती है जब आपके शरीर में इंसुलिन काम नहीं करता है
  • अधिक वजन या मोटापा
  • परिवार के इतिहास
  • अगर आपने ऐसे बच्चे को जन्म दिया है, जिसका वजन 9 पाउंड से अधिक है, तो आपको प्री डायबिटीज की समस्या हो सकती है
  • हाईब्लडप्रेशर
  • यदि आपकी उम्र 45 वर्ष से अधिक है, तो इससे टाइप 2 मधुमेह हो सकता है
  • पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (पीसीओएस)

प्री-डायबिटीज से बचने के उपाय

  • अगर आप स्‍मोकिंग करते हैं, तो इसे पूरी तरह से बंद कर दें। सिगरेट पीने से किसी भी व्यक्ति का शुगर लेवल एकाएक बढ़ जाता है और अगर डायबिटीज का कोई मरीज स्‍मोकिंग करता है, तो उसके शुगर लेवल में तुरंत ऐसा उछाल आता है जो उस मरीज को बहुत नुकसान पहुंचाता है।
  • वजन नियंत्रित होना चाहिए। यदि आप अपना वजन पांच से 10 प्रतिशत तक भी घटा लेते हैँ, तो इससे आपके स्वास्थ्य पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
  • आपका खानपान स्वस्थ होना चाहिए। शरीर में ज्यादा सोडियम होने से पानी का जमाव होता है जिससे रक्त का आयतन बढ़ जाता है जिसके कारण रक्तचाप बढ़ जाता है। भोजन में सोडियम की मात्रा कम करें, सामान्यतः 10 ग्राम नमक लोग एक दिन में खाते हैं। इसे कम करके 3 ग्राम तक कर देना चाहिए है। नमकीन चीजें जैसे नमकीन, आचार, पापड़ से पूरी तरह से परहेज करें।
  • यदि आपको हाई कोलेस्ट्रॉल या हाई ब्लड प्रेशर है, तो उसे भी नियंत्रण में रखें।
  • भोजन में पौटेशियम युक्त चीजें बढ़ा दें। डिब्बा बंद सामाग्री का इस्तेमाल न करें। साथ ही सैचुरेटेड फैट की मात्रा कम करें। इसके अलावा भोजन में कैल्शियम और मैगनिशियम की मात्रा भी संतुलित करें। फाइबर युक्‍त चीजों को सेवन बढ़ा दें जैसे फलों के छिलके, साग/चोकर युक्त आटा आदि।
  • प्री-डायबिटीज को मात देने के लिए एक्‍सरसाइज भी बहुत जरुरी है, हफ्ते के पांच दिन कम से कम 30 मिनट तक एक्‍सरसाइज करने का नियम जरुर बनाएं इसकी शुरुआत आप 10 या 15 मिनट से भी कर सकते हैँ। खूब तेज लगातार 30 मिनट पैदल चलना सर्वोंत्तम एक्‍सरसाइज है। या योग/ध्यान/प्राणायाम को अपनी नियमित दिनचर्या में शामिल करें। लेकिन साथ ही ऐसा करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरुर ले।

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